जीवन परिचय
हिंदी साहित्य में कवि गोपाल सिंह नेपाली ने देश-प्रेम, प्रकृति-प्रेम तथा मानवीय भावनाओं का अपनी कविताओं में सुंदर वर्णन किया है। उन्होंने व्यक्ति प्रेम पर भी काफी लिखा है। सफ़ल संपादक होने के साथ वह सफ़ल गीतकार भी थे। मंचों में इनकी काव्य प्रतिभा लोगों को आकर्षित करती थी। गोपाल सिंह नेपाली को गीतों का राजकुमार कहा जाता है।
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गोपाल सिंह नेपाली (1911 - 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने "रतलाम टाइम्स", चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें 'सावन', 'कल्पना', 'नीलिमा', 'नवीन कल्पना करो' आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।
Gopal Singh Nepali |
गोपाल सिंह नेपाली का जन्म 11 अगस्त 1911 को बिहार के पश्चिमी चम्पारन के बेतिया में हुआ था। उनका मूल नाम गोपाल बहादुर सिंह था। 17 अप्रैल 1963 को इनका निधन हो गया था।
साहित्य सृजन
1933 में बासठ कविताओं का इनका पहला संग्रह ‘उमंग’ प्रकाशित हुआ था। ‘पंछी’ ‘रागिनी’ ‘पंचमी’ ‘नवीन’ और ‘हिमालय ने पुकारा’ इनके काव्य और गीत संग्रह हैं। नेपाली ने सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के साथ ‘सुध’ मासिक पत्र में और कालांतर में ‘रतलाम टाइम्स’, ‘पुण्य भूमि’ तथा ‘योगी’ के संपादकीय विभाग में काम किया था। मुंबई प्रवास के दिनों में नेपाली ने तकरीबन चार दर्जन फिल्मों के लिए गीत भी रचा था। उसी दौरान इन्होंने ‘हिमालय फिल्म्स’ और ‘नेपाली पिक्चर्स’ की स्थापना की थी। निर्माता-निर्देशक के तौर पर नेपाली ने तीन फीचर फिल्मों-नजराना, सनसनी और खुशबू का निर्माण भी किया था।
गोपाल सिंह नेपाली की रचनाएँ/कविताएँ
- नई उमरिया प्यासी है - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- हिमालय और हम - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- बाबुल तुम बगिया के तरुवर - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- हिमालय ने पुकारा - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- गरीब का सलाम ले - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- मेरा धन है स्वाधीन क़लम - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- दो प्राण मिले - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- शासन चलता तलवार से - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- मेरा देश बड़ा गर्वीला - गोपाल सिंह नेपाली की कविता
- इस रिमझिम में चाँद हँसा है - गोपाल सिंह नेपाली की कविता