Chandragupta Maurya Empire In Hindi ।। चन्द्रगुप्त मौर्य साम्राज्य का इतिहास और जीवन परिचय

Mr. Parihar
1
Chandragupta Maurya History and Jeevan Parichay in hindi :-  मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त भारत के बहुत अच्छे शासक माने जाते है, जिन्होंने बहुत सालों तक शासन किया. चन्द्रगुप्त मौर्य एक ऐसे शासक थे जो पुरे भारत को एकिकृत करने में सफल रहे थे, उन्होंने अपने अकेले के दम पर पुरे भारत पर शासन किया. उनसे पहले पुरे देश में छोटे छोटे शासक हुआ करते थे, जो यहाँ वहां अलग शासन चलाते थे, देश में एकजुटता नहीं थी. चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपना शासन कश्मीर से लेकर दक्षिण के डेक्कन तक, पूर्व के असम से पश्चिम के अफगानिस्तान तक फैलाया था. भारत देश के अलावा चन्द्रगुप्त मौर्य आस पास के देशों में भी शासन किया करते थे. चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन के बारे में कोई ज्यादा नहीं जानता है. कहा जाता है वे मगध के वंशज थे. चन्द्रगुप्त मौर्य जवानी से ही तेज बुद्धिमानी थे, उनमें सफल सच्चे शासक की पूरी गुणवत्ता थी, जो चाणक्य ने पहचानी और उन्हें राजनीती व सामाजिक शिक्षा दी.


चन्द्रगुप्त मौर्य इतिहास व जीवन परिचय

Chandragupta Maurya History and Jeevan Parichay in hindi 

क्रमांकजीवन परिचय बिंदुचन्द्रगुप्त जीवन परिचय
1.पूरा नामचन्द्रगुप्त मौर्य
2.जन्म340 BC
3.जन्म स्थानपाटलीपुत्र , बिहार
4.माता-पितानंदा, मुरा
5.पत्नीदुर्धरा
6.बेटेबिंदुसार
अशोका,सुसीम, विताशोका (पोते)

चन्द्रगुप्त मौर्य शुरूआती जीवन चन्द्रगुप्त मौर्य के परिवार की कही भी बहुत सही जानकारी नहीं मिलती है, कहा जाता है वे राजा नंदा व उनकी पत्नी मुरा के बेटे थे. कुछ लोग कहते है वे मौर्य शासक के परिवार के थे, जो क्षत्रीय थे. कहते है चन्द्रगुप्त मौर्य के दादा की दो पत्नियाँ थी, एक से उन्हें 9 बेटे थे, जिन्हें नवनादास कहते थे, दूसरी पत्नी से उन्हें चन्द्रगुप्त मौर्य के पिता बस थे, जिन्हें नंदा कहते थे. नवनादास अपने सौतले भाई से जलते थे, जिसके चलते वे नंदा को मारने की कोशिश करते थे. नंदा के चन्द्रगुप्त मौर्य मिला कर 100 पुत्र थे, जिन्हें नवनादास मार डालते है बस चन्द्रगुप्त मौर्य किसी तरह बच जाते है और मगध के साम्राज्य में रहने लगते है. यही पर उनकी मुलाकात चाणक्य से हुई. इसके बाद से उनका जीवन बदल गया. चाणक्य ने उनके गुणों को पहचाना और तकशिला विद्यालय ले गए, जहाँ वे पढ़ाया करते थे. चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य को अपने अनुसार सारी शिक्षा दी, उन्हें ज्ञानी, बुद्धिमानी, समझदार महापुरुष बनाया, उन्हें एक शासक के सारे गुण सिखाये.
चन्द्रगुप्त मौर्य की पहली पत्नी दुर्धरा थी, जिनसे उन्हें बिंदुसार नाम का बेटा हुआ, इसके अलावा दूसरी पत्नी देवी हेलना थी, जिनसे उन्हें जस्टिन नाम के पुत्र हुआ.  कहते है चन्द्रगुप्त मौर्य की दुश्मन से रक्षा करने के लिए आचार्य चाणक्य उन्हें रोज खाने में थोडा थोडा जहर मिलाकर देते थे, जिससे उनके शरीर मे प्रतिरोधक छमता आ जाये और उनके शत्रु उन्हें किसी तरह का जहर न दे पाए. यह खाना चन्द्रगुप्त अपनी पत्नी के साथ दुर्धरा बाटते थे , लेकिन एक दिन उनके शत्रु ने वही जहर ज्यादा मात्रा मे उनके खाने मे मिला दिया, उस समय उनकी पत्नी गर्भवती थी, दुर्धरा इसे सहन नहीं कर पाती है और मर जाती है, लेकिन चाणक्य समय पर पहुँच कर उनके बेटे को बचा लेते है. बिंदुसार  को आज भी उनके बेटे अशोका के लिए याद किया जाता है, जो एक महान राजा था।।

मोर्य साम्राज्य की स्थापना 
मौर्य साम्राज्य खड़े होने का पूरा श्रेय चाणक्य को जाता है. चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य से वादा किया था, कि वे उसे उसका हक दिला कर रहेंगें, उसे नवदास की राजगद्दी पर बैठाएंगे. चाणक्य जब तकशिला में टीचर थे, तब अलेक्सेंडर भारत में हमला करने की तैयारी में था. तब तकशिला के राजा, व गन्धारा दोनों ने अलेक्सेंडर के सामने घुटने टेक दिए, चाणक्य ने देश के अलग अलग राजाओं से मदद मांगी. पंजाब के राजा पर्वेतेश्वर ने अलेक्सेंडर को युद्ध के लिए ललकारा. परन्तु पंजाब के राजा को हार का सामना करना पढ़ा, जिसके बाद चाणक्य ने धनानंद, नंदा साम्राज्य के शासक से मदद मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इस घटना के बाद चाणक्य ने तय किया कि वे एक अपना नया साम्राज्य खड़ा करेंगे जो अंग्रेज हमलावरों से देश की रक्षा करे, और साम्राज्य उनके अनुसार नीति से चले.  जिसके लिए उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य को चुना. चाणक्य मौर्य साम्राज्य के प्रधानमंत्री कहे जाते थे.
मौर्य साम्राज्य

चन्द्रगुप्त मौर्य की जीत 
चन्द्रगुप्त मौर्य ने अलेक्सेंडर को चाणक्य नीति के अनुसार चलकर ही हराया था. इसके बाद चन्द्रगुप्त मौर्य एक ताकतवर शासक के रूप में सामने आ गए थे, उन्होंने इसके बाद अपने सबसे बड़े दुश्मन नंदा पर आक्रमण करने का निश्चय किया. उन्होंने हिमालय के राजा पर्वत्का के साथ मिल कर धना नंदा पर आक्रमण किया. 321 BC में कुसुमपुर में ये लड़ाई हुई जो कई दिनों तक चली अंत में चन्द्रगुप्त मौर्य को विजय प्राप्त हुई और उत्तर का ये सबसे मजबूत मौर्या साम्राज्य बन गया. इसके बाद चन्द्रगुप्त मौर्य ने उत्तर से दक्षिण की ओर अपना रुख किया और बंगाल की खाड़ी से अरब सागर तक राज्य फ़ैलाने में लगे रहे. विन्ध्य को डेक्कन से जोड़ने का सपना चन्द्रगुप्त मौर्य ने सच कर दिखाया, दक्षिण का अधिकतर भाग मौर्य साम्राज्य के अन्तर्गत आ गया था.
Chandragupt maurya
305 BCE में चन्द्रगुप्त मौर्य ने पूर्वी पर्शिया में अपना साम्राज्य फैलाना चाहा, उस समय वहां सेलयूचुस निकेटर का राज्य था, जो seleucid एम्पायर का संसथापक था व अलेक्सेंडर का जनरल भी रह चूका था. पूर्वी पर्शिया का बहुत सा भाग चन्द्रगुप्त मौर्य जीत चुके थे, वे शांति से इस युद्ध का अंत करना चाहते थे, अंत में उन्होंने वहां के राजा से समझौता कर लिया और चन्द्रगुप्त मौर्य के हाथों में सारा साम्राज्य आ गया, इसी के साथ निकेटर ने अपनी बेटी की शादी भी चन्द्रगुप्त मौर्य से कर दी. इसके बदले उसे 500 हाथियों की विशाल सेना भी मिली, जिसे वे आगे अपने युद्ध में उपयोग करते थे. चन्द्रगुप्त मौर्य ने चारों तरफ मौर्य साम्राज्य खड़ा कर दिया था, बस कलिंगा (अब उड़ीसा) और तमिल इस सामराज्य का हिस्सा नहीं था. इन हिस्सों को बाद में उनके पोते अशोका ने अपने साम्राज्य में जोड़ दिया था.

चन्द्रगुप्त मौर्य का जैन धर्म की ओर झुकाव व म्रत्यु –
चन्द्रगुप्त मौर्य जब 50 साल के थे, तब उनका झुकाव जैन धर्म की तरफ हुआ, उनके गुरु भी जैन धर्म के थे जिनका नाम भद्रबाहु था. 298 BCE में उन्होंने अपना साम्राज्य बेटे बिंदुसरा को देकर कर्नाटक चले गए, जहाँ उन्होंने 5 हफ़्तों तक बिना खाए पिए ध्यान किया, जिसे संथारा कहते है. ये तब तक करते है जब तक आप मर ना जाओ. यही चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने प्राण त्याग दिए.
चन्द्रगुप्त मौर्य के जाने के बाद उनके बेटे ने साम्राज्य आगे बढाया, जिनका साथ चाणक्य ने दिया. चन्द्रगुप्त मौर्य व चाणक्य ने मिल कर अपनी सूझबूझ से इतना बड़ा एम्पायर खड़ा किया था. वे कई बार हारे भी, लेकिन वे अपनी हार से भी कुछ सीखकर आगे बढ़ते थे. चाणक्य कूटनीति के चलते ही चन्द्रगुप्त मौर्य ने इतना बड़ा एम्पायर खड़ा किया था, जिसे आगे जाकर उनके पोते अशोका ने एक नए मुकाम पर पहुँचाया था. चन्द्रगुप्त मौर्य जैसे महान शासक योद्धा से आज के नौजवान बहुत सी बातें सीखते है, इनपर बहुत सी पुस्तकें भी लिखी गई है, साथ ही चन्द्रगुप्त मौर्य टीवी सीरीज भी आई थी, जो बहुत पसंद की गई थी.

Post a Comment

1Comments

  1. All Nanda Rajavansh's are barber caste persons
    ----------------------------------------------

    Nanda Rajavansh Proofs (Chandragupta Maurya Nandas Son Proofs) :
    నంద రాజ వంశీయుల ఆధారాలు :
    చంద్రగుప్త మౌర్య నంద రాజ కుమారుడు ఆధారాలు :

    1.క్రీ.పూ.4వ శతాబ్దం విశాకదత్తుడు రచించిన “ముద్రరాక్షస” గ్రంధం లో క్లుప్తంగా వివరించారు " చంద్రగుప్త మౌర్యనంద వంశీయుల వారసుడే " అని వివరించినారు.(Visakadattas 4th century BC “Mudrarakshasa” Book)

    2. ఎజెస్ ఆఫ్ ద నందస్ యండ్ మౌర్యస్ - (రచించిన వారు కే.ఎ. నీలకంఠ శాస్త్రి). (Ages Of The Nandas and Mauryas – Written by K.A.Neelakanta Sastri).

    3. ద నందస్ (బార్బర్ రూలర్స్ ఇన్ ఇండియ) - (రచించిన వారు ధనరాజ్ టి.యం). (The Nandas(Barber Rulers In India)- Written by Dhanaraju T.M).

    4. భారతదేశ చరిత్ర డిడి.కోసాంబె - ప్రఖ్యతిగాంచిన బౌద్ధమత రచేయిత డిడి.కోసంబె, ఇతను రాసిన అనేకగ్రంధాలలో కుడా “చంద్రగుప్త మౌర్య నంద వారసుడే “ అని రచించినాడు. (“DD Kosambi” buddhist Writer – India History - DD Kosambi also Wrire his books Chandragupta maurya Nandas Son)

    5. సాక్షి దినపత్రిక లో (తేది: 20-11-2011) ప్రచురించిన ఫ్యామిలీ పెజిలో వచ్చిన ఆర్టికల్ లో కుడా “ చంద్రగుప్తమౌర్య నంద వారసుడే అని వ్రాసినారు “. (Telugu Popular News Paper "Sakshi" published An Airtcle (Date: 20-11-2011) Chandragupta maurya Nandas son)

    6. History Of Ancient india - Radhey Shyam Chaurasia.

    7. A History Of India - Romola Thapar.

    8. "Encyclopaedia of India, Pakistan and Bangladesh" Written By “Om Gupta”.

    9. The Early History of India written by Vincent A. Smith

    10. Indian Heritage and Culture written by Dhirendra singh

    11. A History - written by "John Keay"

    12. Hinduism & Its Military Ethos written by Air Marshal RK Nehra

    13. "India Rediscovered: A New Vision of History and Call of the Age Written By Mahesh Vikramasimha.

    14. A Brief History of India written by Alain Daniélou

    15.Historical Geography of Madhyapradesh from Early Records written by P. K. Bhattacharyya

    16. The Mauryan Polity written by R. Ramachandra Dikshitar.

    17. History of the Tamils from the Earliest Times to 600 A.D written by P. T. Srinivasa Iyengar

    18. Encyclopaedia of Asian History written by R.C. Majumdar, David P. Barrows

    19. Faiths Across Time: 5,000 Years of Religious History written by J Gordon Melton

    20. World history from early times to AD 2000 written by B .V. Rao.

    21. Kingship and Community in Early India written by Charle Drekmeier.

    22. History of India written by N. Jayapalan.

    23. Dharma: Its Early History in Law,Religion and Narrative written by Alf Hiltebeitel.

    24. Columbia Chronologies of Asian History and Culture written by John Stewart Bowman.

    25. Encyclopedia Of Bihar Written by Arunima Kumari.

    26. Evolution of educational thought in India Written by Bhanwar Lal Dwivedi.

    27. The Making of Miracles in Indian States: AndhraPradesh Written by Arvind Panagariya, M. Govinda Rao.

    28. History of India, in Nine Volumes: Vol. II - From the Sixth Written by Vincent A. Smith, A. V. Williams Jackson.

    29. Chandragupta Maurya and His Times Written by Radhakumud Mookerji.
    (Dhundiraja, the 18th century A D commentator on the Text of Puranas takes Chandragupta Maurya to be the son of Mura who was one of the wives of king Nanda Chandraguptam Nandasyaiva patanyasya Mura-samjanasya putram Mauryanam prathamam).

    30. Life in North-eastern India in Pre-Mauryan Times written by Madan Mohan Singh.

    31. History of Ancient India Written by Rama Shankar Tripathi.

    ReplyDelete
Post a Comment