रीवा,एक मध्य प्रदेश परिचय एवं ऐतिहासिक परिदृश्य:
विन्ध्याचल पर्वत श्रेणी की गोद में फैले हुए विंध्य प्रदेश के मध्य भाग में बसा हुआ रीवा शहर जो मधुर गान से मुग्ध तथा बादशाह अकबर के नवरत्न जैसे – तानसेन एवं बीरबल जैसे महान विभूतियों की जन्मस्थली रही है। कलकल करती बीहर एवं बिछिया नदी के आंचल मेें बसा हुआ रीवा शहर बघेल वंश के शासकों की राजधानी के साथ-साथ विंध्य प्रदेश की भी राजधानी रही है। ऐतिहासिक प्रदेश रीवा विश्व जगत में सफेद शेरों की धरती के रूप में भी जाना जाता रहा है। रीवा शहर का नाम रेवा नदी के नाम पर पड़ा जो कि नर्मदा नदी का पौराणिक नाम कहलाता है। पुरातन काल से ही यह एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा है। जो कि कौशाबी, प्रयाग, बनारस, पाटलिपुत्र, इत्यादि को पश्चिमी और दक्षिणी भारत को जोड़ता रहा है। बघेल वंष के पहले अन्य शासकों के शासनकाल जैसे गुप्तकाल कल्चुरि वंश, चन्देल एवं प्रतिहार का भी नाम संजोये है।
विन्ध्याचल पर्वत श्रेणी की गोद में फैले हुए विंध्य प्रदेश के मध्य भाग में बसा हुआ रीवा शहर जो मधुर गान से मुग्ध तथा बादशाह अकबर के नवरत्न जैसे – तानसेन एवं बीरबल जैसे महान विभूतियों की जन्मस्थली रही है। कलकल करती बीहर एवं बिछिया नदी के आंचल मेें बसा हुआ रीवा शहर बघेल वंश के शासकों की राजधानी के साथ-साथ विंध्य प्रदेश की भी राजधानी रही है। ऐतिहासिक प्रदेश रीवा विश्व जगत में सफेद शेरों की धरती के रूप में भी जाना जाता रहा है। रीवा शहर का नाम रेवा नदी के नाम पर पड़ा जो कि नर्मदा नदी का पौराणिक नाम कहलाता है। पुरातन काल से ही यह एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा है। जो कि कौशाबी, प्रयाग, बनारस, पाटलिपुत्र, इत्यादि को पश्चिमी और दक्षिणी भारत को जोड़ता रहा है। बघेल वंष के पहले अन्य शासकों के शासनकाल जैसे गुप्तकाल कल्चुरि वंश, चन्देल एवं प्रतिहार का भी नाम संजोये है।
Rewa Fort |
रीवा विन्ध्य प्रदेश की राजधानी थी, एवं संभागीय मुख्यालय होने के कारण इस क्षेत्र को एक प्रमुख नगर के रूप मे जाना जाता रहा है, तथा संभागीय मुख्यालय के साथ ही इस क्षेत्र का एक प्रमुख ऐतिहासिक नगर है। रीवा नगर पालिक निगम सन 1950 के पूर्व नगर पालिका के रूप में गठित हुई थी, जनवरी 1981 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर पालिक निगम का दर्जा प्रदान किया गया। वर्तमान मे रीवा शहर में कुल 45 वार्ड है, जिसमे 6 वार्ड अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित है, जिसमें वार्ड क्रमांक 1 एवं 43 अनुसूचित जनजाति के लिये तथा वार्ड क्रमांक 28, 38, 39, 40 अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित है।
वर्तमान मे नगर निगम रीवा का क्षेत्रफल 102 वर्ग किलोमीटिर मे फैला हुआ है। रीवा नगर मे चिकित्सा महाविद्यालय, अभियांत्रिकी महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय, आयुर्वेद महाविद्यालय, सैनिक स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय, ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय, गुरू गोलवर्कर महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, के साथ यहां विष्वविद्यालय होने के कारण इसका निरंतर विस्तार हो रहा है।
स्थान:-
यह 24-18 अक्षांष तथा 82.02 देषांतर पर समुद्र सतह से 1,823 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह उत्तर में इलाहाबाद, दक्षिण में कटनी, पूर्व में सीधी एवं पष्चिम में सतना जिलों से घिरा हुआ है।
यह 24-18 अक्षांष तथा 82.02 देषांतर पर समुद्र सतह से 1,823 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह उत्तर में इलाहाबाद, दक्षिण में कटनी, पूर्व में सीधी एवं पष्चिम में सतना जिलों से घिरा हुआ है।
मौसम:-
मध्यभारत में इसकी भौगोलिक स्थिति (अनुमानतः 76 पूर्व तथा 23 उत्तर) एवं समुद्र से दूरी के कारण यहाँ का मौसम काफी सामान्य है। दक्षिण पष्चिमी मानसून के कारण जुलाई से सितम्बर माह में यहाँ सामान्य वर्षा लगभग 30’’-35’’(80 से.मी.) तक होती है।
रीवा नगर लगभग …………..लाख की जनसँख्या को अपने में समाहित किये हुये मध्यप्रदेश की व्यावसायिक, वाणिज्यिक औद्योगिक राजधानी एवं षिक्षा तथा संस्कृति का केन्द्र है।
मध्यभारत में इसकी भौगोलिक स्थिति (अनुमानतः 76 पूर्व तथा 23 उत्तर) एवं समुद्र से दूरी के कारण यहाँ का मौसम काफी सामान्य है। दक्षिण पष्चिमी मानसून के कारण जुलाई से सितम्बर माह में यहाँ सामान्य वर्षा लगभग 30’’-35’’(80 से.मी.) तक होती है।
रीवा नगर लगभग …………..लाख की जनसँख्या को अपने में समाहित किये हुये मध्यप्रदेश की व्यावसायिक, वाणिज्यिक औद्योगिक राजधानी एवं षिक्षा तथा संस्कृति का केन्द्र है।
दर्षनीय स्थल:-
रीवा किला, व्यंकट भवन, गोविन्दगढ़, रानी तालाब, लक्ष्मण बाग, चिरहुला मन्दिर, बाघेला संग्रहालय, चचाई प्रपात, क्योंटी प्रपात, पद्मधर पार्क
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